The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ॐ ऐं बीजं, ॐ ह्रीं शक्तिः, ॐ क्लीं कीलकम्,
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर sidh kunjika रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।
श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥ ११ ॥